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Dr Ambedkar
CategoryNational Constitution Day Is A Day Of Pride For Every Indian
Author – Dr. Kapilendra Das
The 26th of November, the day of an important landmark in India’s journey as an Independent, Sovereign, Socialist, Secular, and Democratic, Republic is celebrated as…
नेहरू ने डॉ अम्बेडकर का किया अपमान जब उन्होंने ‘बुद्ध और उनके धम्म’ को प्रकाशित करने के लिए मदद मांगी
डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर ने अपने लेखन को प्रकाशित करने के लिए पूरे जीवन संघर्ष किया। उनकी ज्यादातर किताबें बंबई के एक प्रकाशक ‘थाकर एंड कंपनी’ द्वारा प्रकाशित की जाती थीं। यह एक छोटा–सा ज्ञात तथ्य है …
‘बुद्ध और उनका धम्म’ की अप्रकाशित प्रस्तावना
Read it in English from Unpublished Preface To ‘The Buddha and His Dhamma’
मूल रूप से कोलंबिया विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई। ।
एक सवाल हमेशा मुझसे पूछा जाता है: मैंनें कैसे ऐसी उच्चस…
कबीर की विचारधारा से प्रभावित थे डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर
जाती न पूछो साधू की, पूछ लीजिये ज्ञान । मोल करो तलवार का, पड़ा रहने दो म्यान । भावार्थ: साधु से उसकी जाति मत पूछो बल्कि उनसे ज्ञान की बातें करिये, उनसे ज्ञान लीजिए। मोल करना है तो तलवार का करो म्…
डॉ. अम्बेडकर और यहूदी लोग
Read in English from Dr Ambedkar And The Jewish People
पचास वर्ष पहले बम्बई में एक मासिक यहूदी प्रकाशन (द ज्युइश एडवोकेट, नवम्बर, 1941) के संपादक के साथ विशेष साक्षात्कार में भारत के अत्यंत आदरणी…
भारतीय संविधान और बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर
आज ही के दिन 26 नवम्बर, 1949 को “भारतीय संविधान” बनकर तैयार हुआ था। भारतीय संविधान के स्मृतिकार बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर को कहा जाता है क्योंकि इस संविधान के निर्माण में उन्होंने ही महत्वपूर्ण भूमिका …
भारत के राष्ट्रीय दल – बाबासाहेब द्वारा ‘मूकनायक’ के लिए 10 अप्रैल 1920 को लिखा गया छठवां संपादकीय
कोई भी सार्वजनिक काम हो, यदि कोई कहता होगा कि मैं उसे अकेला ही कर लूंगा, किंतु वह काम उससे हो ही नहीं पाएगा। तथापि समझदार लोगों को उसके अहंकार व अकड़ पर तरस आएगा। मनुष्य के विचार कितने भी उदार हों,…
जो लोग करोड़ों लोगों को अछूत और अपराधी मानते हो उन्हें आजादी मांगने का हक नहीं – बाबासाहेब अम्बेडकर
अस्पृश्यों के एकमात्र नेता और भारत सरकार के कार्यकारी मंडल के सदस्य डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर दिनांक 14 जनवरी, 1946 को सुबह मद्रास मेल से सोलापुर आए।
सुबह सोलापुर नगरपालिका और जिला लोकल बोर्ड संस्था…
यह स्वराज्य न होकर हम पर राज्य है! – डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर द्वारा मूकनायक के लिए लिखा गया तीसरा संपादकीय
(डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर द्वारा मूकनायक के लिए 28 फरवरी 1920 को लिखा गया तीसरा संपादकीय)
पिछले अंक में राष्ट्रीय सभा जिला- *कांग्रेस* की बढ़ती हुई भूख पर चर्चा हुई। ब्रिटिश राज्य पद्धति को सुराज…
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा मूकनायक के लिए 4 फरवरी, 1920 को लिखा गया दूसरा संपादकीय
*स्वराज्य की बराबरी सुराज्य नहीं कर सकता है*
(डॉ बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा मूकनायक के लिए 4 फरवरी, 1920 को लिखा गया दूसरा संपादकीय)
आज तक ज्ञात भूगोल की ओर राजनैतिक दृष्टि से देखने पर हम देशों को …
“मूकनायक” पाक्षिक का पहला अंक 31 जनवरी 1920 को प्रकाशित हुआ था
*अभिप्राय*
(“मूकनायक” पाक्षिक का पहला अंक 31 जनवरी 1920 को प्रकाशित हुआ था, जिसका संवाद किए डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने अभिप्राय नाम से लिखा था।)
हिंदुस्तान के जीव पदार्थ तथा मानव जाति के चलचित्र की…
डा. अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएँ
डा बी.आर. अम्बेडकर ने दीक्षा भूमि, नागपुर, भारत में ऐतिहासिक बौद्ध धर्मं में परिवर्तन के अवसर पर,14 अक्टू…
बाबासाहेब आंबेडकर के सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार व कथन हिंदी तथा इंग्लिश में
Men are mortal. So are ideas. An idea needs propagation as much as a plant needs watering. Otherwise both will wither and die.
पुरुष नश्वर है और विचार भी। एक विचार को प्रसार की उतनी ही आवश्यकता है…
129वीं बाबासाहेब आंबेडकर जयंती पर चिंतन
हम बहुत ही अनिश्चित और अजीबोगरीब माहौल में प्यारे बाबासाहेब की 129 वीं जयंती मना रहे हैं। भीम जयंती को एक मेगा सार्वजनिक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है और यह पूरे भारत और दुनिया के कुछ हिस्सों …
डाॅ. बाबासाहब अंबेडकर और धर्म-परिवर्तन की घोषणा जिसने सब को हिला दिया था
बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर ने 13 अक्टूबर, 1935 में धर्म-परिवर्तन की सार्वजनिक घोषणा करते हुए कहा था – “दुर्भाग्य से मैं हिन्दू समाज के एक अछूत के रूप में पैदा हुआ हूँ। यह मेरे वश की बात नहीं थी; लेकिन ह…