“साथ आएँगे माया-अखिलेश, हवा में उड़ जाएंगे जुमलेश,” लालू प्रसाद यादव का प्रोजेक्ट तो छापे तो पड़ने ही थे


मोदी के इशारे पर सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव और उसके परिवार के खिलाफ जगह जगह पर छापे मारे। “साथ आएँगे माया-अखिलेश, हवा में उड़ जाएंगे जुमलेश,” लालू यादव के इसी प्रोजेक्ट 2019 से बीजेपी में खलबली है। छापा तो पड़ना ही था।

यह पहली बार नहीं हुआ है की जब कभी किसी दलित-बहुजन ने आरएसएस के खिलाफ आवाज़ उठाई हो और आरएसएस ने सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर के उस आदमी को दबाने की कोशिश ना की हो। पहले तो आरएसएस पैसे से खरीदने की कोशिश करता है और आदमी ना माने तो सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर के उस आदमी को परेशान और ख़त्म करने की कोशिश रहती है आरएसएस की।

आज से कुछ दिन पहले ही लालू यादव ने कहा था की अगर बहुजन समज पार्टी और समाजवादी पार्टी साथ में आये तो बीजेपी-आरएसएस का गेम 2019 में ख़त्म कर देंगे। आज के टाइम पर अगर कोई आरएसएस को चुनौती दे रहा है तो वो लालू प्रसाद यादव। तो सीबीआई के छापे तो होने ही थे।

अरे जातिवादियों जल्दी से लालू को जेल भेजो क्योंकि…

लालू प्रसाद ब्रामणवाद के खिलाफ एक मजबूत दीवार बन कर कब से खड़ा है तो सुभाविक ही आरएसएस-बीजेपी की यह पसदं नहीं। लालू प्रसाद आरक्षण को बढ़ाने से ले कर जाति जनगणना के आंकड़े सामने लाने की बात करते रहे है जो आरएसएस और बीजेपी को बिलकुल भी पसंद नहीं है। इस के इलावा लालू प्रसाद यादव न्यायालय में आरक्षण की बात भी उठा चुके है, न्यायालय यहाँ मनु का पुतला अभी तक लगा हुआ है और ब्राह्मणवाद का बोल बाला चलता है।

लालू प्रसाद यादव Lalu Prasad Yadav

आरएसएस अच्छे तरह से जानता है की लालू प्रसाद यादव और उस का परिवार मनुवाद के लिए खतरा है। अगर आप नहीं जानते तो वो लालू प्रसाद यादव ही था जिस ने अडवाणी की खुनी रथ यात्रा को रोका था।

बीजेपी को बिहार में झटका भी लालू प्रसाद यादव ने ही दिया था 2015 के चुनाव में और अब जैसे जैसे 2019 के इलेक्शन पास आ रहे है तो आरएसएस-बीजेपी ने लालू प्रसाद को तंग करना शुरू कर दिया।

भ्रष्टाचार तो बहाना है, लालू ही निशाना है

ब्राह्मणवादी मीडिया का यह कहना की छापे जो लालू प्रसाद यादव पर सीबीआई दवारा मरे गए है उस का राजनीती से कोई लेना देना नहीं, सरासर जुठ है। अगर भ्रष्टाचार ही मुदा है तो लालू प्रसाद यादव और बहुजन समाज पार्टी के नेताओ पर ही क्यों निशाना? सब से जयादा भ्रष्टा तो बीजेपी और आरएसएस वाले है, उन पर क्यों नहीं कोई छापा मारा सीबीआई ने?

लालू प्रसाद यादव Lalu Prasad Yadav

सीबीआई का इस्तेमाल कर के मोदी सरकार लालू प्रसाद यादव को डरना चाहती है की इस से वो आरएसएस-बीजेपी के विरोद में विपक्ष की पार्टिओ को एक साथ ना ला पाए। आरएसएस-बीजेपी के लोग जानते है की अगर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी साथ में आ गए तो उनका 2019 में काम तमाम होने वाला है और उनकी जुमलेबाजी नहीं चलेगी।

लालू प्रसाद यादव दलितों और पिछड़ो के लिए काम किया यही तो मनुवादियो के पेट में दर्द का कारण है। लालू प्रसाद यादव मनुवादी ताकतो के सामने डट कर खड़ा है और सामाजिक न्याय का योद्धा है। लालू प्रसाद यादव को जितना दबाओगे वो उतना ताकत से उठ खड़ा होगा।

दलित बहुजनो को साथ में लाने का प्रोजेक्ट चलता रहना चाहिए, आरएसएस-बीजेपी चाहे जितना जोर लगा ले अब यह कारवां रुकने वाला नहीं है। मनुवाद को खत्म कर के ही रहेंगे।

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