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Speeches
Categoryडॉ. अम्बेडकर और यहूदी लोग
Read in English from Dr Ambedkar And The Jewish People
पचास वर्ष पहले बम्बई में एक मासिक यहूदी प्रकाशन (द ज्युइश एडवोकेट, नवम्बर, 1941) के संपादक के साथ विशेष साक्षात्कार में भारत के अत्यंत आदरणी…
भारत के राष्ट्रीय दल – बाबासाहेब द्वारा ‘मूकनायक’ के लिए 10 अप्रैल 1920 को लिखा गया छठवां संपादकीय
कोई भी सार्वजनिक काम हो, यदि कोई कहता होगा कि मैं उसे अकेला ही कर लूंगा, किंतु वह काम उससे हो ही नहीं पाएगा। तथापि समझदार लोगों को उसके अहंकार व अकड़ पर तरस आएगा। मनुष्य के विचार कितने भी उदार हों,…
जो लोग करोड़ों लोगों को अछूत और अपराधी मानते हो उन्हें आजादी मांगने का हक नहीं – बाबासाहेब अम्बेडकर
अस्पृश्यों के एकमात्र नेता और भारत सरकार के कार्यकारी मंडल के सदस्य डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर दिनांक 14 जनवरी, 1946 को सुबह मद्रास मेल से सोलापुर आए।
सुबह सोलापुर नगरपालिका और जिला लोकल बोर्ड संस्था…
यह स्वराज्य न होकर हम पर राज्य है! – डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर द्वारा मूकनायक के लिए लिखा गया तीसरा संपादकीय
(डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर द्वारा मूकनायक के लिए 28 फरवरी 1920 को लिखा गया तीसरा संपादकीय)
पिछले अंक में राष्ट्रीय सभा जिला- *कांग्रेस* की बढ़ती हुई भूख पर चर्चा हुई। ब्रिटिश राज्य पद्धति को सुराज…
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा मूकनायक के लिए 4 फरवरी, 1920 को लिखा गया दूसरा संपादकीय
*स्वराज्य की बराबरी सुराज्य नहीं कर सकता है*
(डॉ बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा मूकनायक के लिए 4 फरवरी, 1920 को लिखा गया दूसरा संपादकीय)
आज तक ज्ञात भूगोल की ओर राजनैतिक दृष्टि से देखने पर हम देशों को …
“मूकनायक” पाक्षिक का पहला अंक 31 जनवरी 1920 को प्रकाशित हुआ था
*अभिप्राय*
(“मूकनायक” पाक्षिक का पहला अंक 31 जनवरी 1920 को प्रकाशित हुआ था, जिसका संवाद किए डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने अभिप्राय नाम से लिखा था।)
हिंदुस्तान के जीव पदार्थ तथा मानव जाति के चलचित्र की…
डा. अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएँ
डा बी.आर. अम्बेडकर ने दीक्षा भूमि, नागपुर, भारत में ऐतिहासिक बौद्ध धर्मं में परिवर्तन के अवसर पर,14 अक्टू…
बाबासाहेब आंबेडकर के सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार व कथन हिंदी तथा इंग्लिश में
Men are mortal. So are ideas. An idea needs propagation as much as a plant needs watering. Otherwise both will wither and die.
पुरुष नश्वर है और विचार भी। एक विचार को प्रसार की उतनी ही आवश्यकता है…