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Society
Category“जाती” और “नस्ल” – दो अलग तरह के भेदभाव लेकिन अनगिनत समानताएं
यूरोपीय मूल के लोगों द्वारा अफ्रीकी मूल के अश्वेत लोगों के साथ किया जाने वाला नस्लीय भेदभाव हो या भारतीय उपमहाद्वीप की पिछड़ी और अनुसूचित जातियों का ब्राह्मणों द्वारा किया जाने वाला जातीय भेदभाव। ऊप…
बहुजन समाज और “मीडिया”
२१वीं सदी में अगर बहुजन समाज(ST, SC, OBC, Minorities) 85% आबादी होने के बाद भी भारत का हुक्मरान नहीं बन सका और दूसरी तरफ अल्पसंख्यक ब्राह्मण, बनिया, ठाकुर(क्षत्रिय) सिर्फ 15% आबादी के बल पर ही सत्त…
क्या सिख लीडर सिख धर्म को बचा पाएंगे ब्रह्मिनिस्म के हमलो से?
ब्राह्मणवाद ने जैन धर्म को खा लिया, यह बौद्ध धर्म को निगल गया, क्या सिख धर्म ब्राह्मणवाद के निरंतर हमले से बच सकता है। यदि हाँ, तो कब तक?
जो सिख ‘दसम ग्रन्थ’ को मानते हैं कि गुरु गोबिंद सिंह ने लि…
ब्राह्मणों को आरक्षण से क्यों नफरत है – पढ़िए ई वी आर पेरियार का क्या कहना था
Read it in English from – Why Brahmins Hate Reservation?
सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व प्रत्येक राष्ट्र और उसकी सरकार का मान्यता प्राप्त अधिकार है। यह हर समुदाय से संबंधित सभी नागरिकों का सामान्य अधिका…
डॉ. अम्बेडकर और यहूदी लोग
Read in English from Dr Ambedkar And The Jewish People
पचास वर्ष पहले बम्बई में एक मासिक यहूदी प्रकाशन (द ज्युइश एडवोकेट, नवम्बर, 1941) के संपादक के साथ विशेष साक्षात्कार में भारत के अत्यंत आदरणी…
भारतीय संविधान और बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर
आज ही के दिन 26 नवम्बर, 1949 को “भारतीय संविधान” बनकर तैयार हुआ था। भारतीय संविधान के स्मृतिकार बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर को कहा जाता है क्योंकि इस संविधान के निर्माण में उन्होंने ही महत्वपूर्ण भूमिका …
अपनी अलग पहचान और प्रतिक ढूंढ़ती शूद्र-OBC (मराठा, जाट, गुज्जर, पटेल, आदि) जातियाँ
भारत की कुछ मज़बूत और बड़ी शूद्र-OBC (मराठा, जाट, गुज्जर, पटेल, यादव, आदि) जातियाँ अब ब्राह्मणवाद से अलग, अपनी एक स्वतंत्र पहचान और प्रतिक ढूंढ़ने की प्रक्रिया से गुजर रही हैं।
आधुनिक भारत में ब्राह्…
31 विशेषाधिकार, जो सिर्फ ब्राह्मणों को हासिल हैं
1) अगर मैं ब्राह्मण हूं तो समाज में मुझे आदर मिलेगा और मेरे नाम के साथ जी या पंडित जोड़ा जाएगा
2) अगर मैं ब्राह्मण हूं तो मुझे देश की किसी भी हाउसिंग सोसायटी में घर मिलने में दिक्कत नहीं होगी.
3)…
डा. अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएँ
डा बी.आर. अम्बेडकर ने दीक्षा भूमि, नागपुर, भारत में ऐतिहासिक बौद्ध धर्मं में परिवर्तन के अवसर पर,14 अक्टू…
महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले
ज्योतिबा फुले का जन्म 11अप्रेल, 1827 को पुणे में “गोविंदराव” और “चिमना बाई” के यहाँ एक “माली” परिवार में हुआ था। ज्योतिबा एक महान क्रांतिकारी, समाज-सेवी और विचारक के रूप में विख्यात हुए। ज्योतिबा म…
एक अनोखा युद्ध – भीमा कोरेगांव
अधिकतर लोगों ने 300 फिल्म तो देखी ही होगी। लेकिन कभी अपने भारतीय इतिहास के ऐसे ही युद्ध के बारे मे पढ़ा है? दुनिया के इतिहास में ऐसा युद्ध ना कभी किसी ने पढ़ा होगा और ना ही सोचा होगा, जिसमें 28,000…