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Categoryभारत की शिक्षा व्यवस्था और “वर्ण-माफिया”
भारत में आजादी के बाद इंजीनियरिंग, विज्ञान, मेडिसिन या मेनेजमेंट या दर्शन मानिविकी और समाज विज्ञान की पढाई करने वाले तबके पर और उसकी समाज या देश के प्रति नजरिये पर गौर करना जरुरी है.
भारत के इ…
दलित बहुजन समाज में मोटिवेशनल वैक्यूम
मैं जिला प्रतापगढ़ UP में पैदा हुआ और जिला इलाहाबाद UP में पला बढ़ा ,यहां सफाई का काम करने वाले लोगों को हेला, जमादार, भंगी और मेहतर जैसे नामों से जाना जाता | इन Titles के अंदर भी दर्जनों subtitles…
छत्रपति साहू जी महाराज को याद हुए, आरक्षण दिवस (26जुलाई) की लड़ाई सतत जारी रहेगी
आरक्षण दिवस: एक झलक
आज 26 जुलाई है। 26 जुलाई यानी कि आरक्षण दिवस। आज से 115 साल पहले 26 जुलाई 1902 में कोल्हापुर नरेश छत्रपति साहू जी महाराज द्वारा पहली बार आधिकारिक शासनादेश के रूप में शुद्रो तथा…
फूलन देवी और ठाकुर
यह सच है कि फूलन देवी ने अपने ऊपर हुए जुल्म का बदला बेहमई में ठाकुरों को मारकर लिया था. बेहमई यूपी में है. उन पर केस भी वहीं हुआ.
लेकिन जब आत्मसमर्पण की बारी आई, तो उन्होंने एक शर्त रख दी. हथिया…
साल 1981 में साहब कांशीराम ने स्वतंत्रता दिवस के 34वें वर्ष को फूलन देवी वर्ष के रूप में मनाया था
मान्यवर कांशीराम साहब ने 1981 में 34 वें स्वतंत्रता दिवस को फूलन देवी वर्ष मनाया था. बहुजन स्वतंत्रता आंदोलन उन्होनें गढ़ने की शुरूआत की. बिहार के सवर्णों के लिये कथित डकैत सुरेश पासी का आत्मसमर्पण…
लोगों की हीरो थी फूलन देवी
आज ही के दिन 25 जुलाई, 2001 को “फूलन देवी” नामक एक वीरांगना की “शेरसिंह राणा” नामक सवर्ण व्यक्ति ने हत्या करदी, जो कि बताया जाता है कि उसे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत भारत की सबसे सुरक्षित मानी जाने व…
बाबासाहेब आंबेडकर की भूमि अधिकार और किसानो की समस्याओ पर विचार
सभी जानते हैं कि पहले राजा जब भी किसी व्यक्ति या वजीर पर खुश होते थे तो गांव के गांव जागीर में ईनाम में दे देते थे, वो ही जागीरदार, सामंती या जमींदार बनते गये। जब राजतंत्र का पतन होना शुरु हुआ तो ज…
बाबा साहेब डॉ० भीमराव आंबेडकर का अपमान मत करो
जैसा कि सभी जानते हैं कि बाबा साहेब डॉo भीमराव आंबेडकर विश्वरत्न है। बाबा साहेब डॉ० आंबेडकर पूरी दुनिया में अपने त्याग, समर्पण, मानवतावादी दृष्टिकोण, शोषितों के मसीहा, शिक्षा, संगठन और संघर्ष की बद…
बाबासाहेब अंबेडकर का संघर्ष और उनके दवारा शुरू की गयी पत्रिकाएं
डॉ. अंबेडकर ने 31 जनवरी, 1920 को “मूकनायक” नामक पत्रिका को शुरू किया था । इस पत्रिका के अग्रलेखों में अंबेडकर जी ने दलितों के तत्कालीन आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक समस्याओं को निर्भीकता से उजागर किय…
आतंकवाद जैसे गंभीर मसलों पर सरकार खुद फैला रही है अफवाह – रिहाई मंच
बच्ची गोद लेने पर सनी को गाली देने वाले लोग मनुवादी हैं – सूरज कुमार बौद्ध
पुरुषवादी समाज महिलाओं के प्रति अपनी संकुचित मानसिकता को बदलने का नाम नहीं ले रहा। महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक माना जाना तथा उनकी आजादी पर पाबंदी पुरुषवादी समाज का प्रमुख अंश है। अब सवाल यह होत…
रिहाई मंच ने आज़मगढ़ के एक वीडियो से साम्प्रदायिकता भड़काने वाले मीडिया संस्थानों पर कार्रवाई की मांग की
मोबाइल चोरी के नाम पर युवक को बिजली का शॉक देने वालों ने इंसानियत को किया शर्मसार- रिहाई मंच
रिहाई मंच ने आज़मगढ़ के एक वीडियो से साम्प्रदायिकता भड़काने वाले मीडिया संस्थानों पर कार्रवाई की मांग की
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निर्वाचन कार्ड एवं ईवीएम को आधार कार्ड से लिंक करने की जरूरत?
राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। श्री रामनाथ कोविंद जी भारत के अगले राष्ट्रपति होंगे। मैं कुछ आगे लिखूं इससे पहले श्री रामनाथ कोविंद को भारत के राष्ट्रपति चुने जाने पर मेरा हार्दिक बधाई एवं म…
बहुजन समाज के एक महान समाज-सुधारक और साहित्यकार स्वामी अछूतानंद जी
बहुजन समाज के एक महान समाज-सुधारक और साहित्यकार “स्वामी अछूतानंद जी” का जन्म 1879 में “चमार” जाति में जिला मैनपुरी, उत्तरप्रदेश के सिरसागंज तहसील ग्राम उमरी में हुआ था। इनके बचपन का नाम “हीरालाल” थ…
बहुजन और संसद – Bahujans and Parliament
संसद का क्या उद्देश्य है? संसद बनाया गया है ताकि प्रतिनिधि अपने लोगों के लिए नीतियां बनाए। अगर आप अपने लोगों के साथ किए गए अन्याय के बारे में संसद को सूचित करने के लिए किसी सांसद को अनुमति नहीं देत…