नरेंद्र मोदी की सरकार बाबा साहब डा. अम्बेडकर के संवैधानिक सपनों को कुचलने वाली सरकार – बसपा का प्रेस रिलीज़


नई दिल्ली, 14 अप्रैल 2018, दिन शनिवार :

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में बी.एस.पी. द्वारा आज पूरे देशभर में भारतीय संविधान के मूल निर्माता एवं दलितों, पिछड़ों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा।

परमपूज्य बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती, विचार-संगोष्ठी के रूप में मनाई गई और इस शुभ-अवसर पर इन्होंने अपनी पार्टी की ओर से, इनको पूरे तहेदिल से अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित किये।

साथ ही उनके करोड़ों अनुयाइयों से यह भी अपील की, ये उनके बताये हुये रास्तों पर चलकर, अपने पैरों पर खुद खड़े हों, तभी फिर बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर का अधूरा रहा कार्य व सपना भी पूरा हो सकता है।

बीजेपी व इनकी केंद्र एवं राज्य सरकारों को और विशेषकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी यह कहना है कि बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन से जुड़े कुछ स्थलों को केवल सम्मान देने से व इनके नाम पर कुछ योजनायें आदि चलाने से भी, इनके अनुयाइयों का विकास व उत्थान नहीं हो सकता है, बल्कि इसके लिये उन्हें इनके करोड़ों अनुयाइयों के प्रति अपनी हीन व जातिवादी मानसिकता को बदलना होगा, जो अभी तक भी हमें बदलती हुई नजर नहीं आ रही है और यदि बदली होती, तो फिर यह सरकार SC/SC Act को प्रभावी बनाने के लिये अभी तक अध्यादेश जरूर ले आती।

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की जगह-जगह मूर्ति तोड़े जाने व उनके करोड़ों अनुयाइयों का संवैधानिक हक़ छीनने तथा उन पर भारी जुल्म-ज्यादती व पुलिस अत्याचार करने वाली बीजेपी एवं इनकी केंद्र व राज्य सरकारों को क्या कोई हक़ बनता है कि वे बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती मनाते?

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के संवैधानिक सपनों को कुचलने वाली सरकार अभी तक साबित हुई है जिससे देश भर में कानून-व्यवस्था व आर्थिक क्षेत्र सहित जीवन के हर क्षेत्र में हर तरफ अराजकता को बढ़ावा मिला हुआ है जिसका खामियाजा सर्वसमाज की सवासौ करोड़ जनता को भुगतना पड़ रहा है।

बीजेपी गरीब, मजदूर व किसान-विरोधी तथा बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों की पार्टी है और उनके ही धनबल पर आगे बढ़ रही है।

यही कारण है कि देश के बैंकों में लगातार महाघोटाला होता चला जा रहा है और बीजेपी के प्रिय “भाई” लोग गरीबों का बैंक में जमा अरबों-खरबों रुपया गबन करके विदेश भाग जाने में सफल होते जा रहे हैं, हालाँकि श्री मोदी का वायदा था कि विदेशों से भारत का कालाधन वापस लायेंगे और गरीबों में बाटेंगे।

परन्तु प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार निश्चित है, क्योंकि गुजरात के “लोकायुक्त” की तरह इन्होंने पिछले चार वर्षों में “लोकपाल” की नियुक्ति ही नहीं की है ताकि इनकी सरकार के खिलाफ कोई मामला ही ना बन सके : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

संविधान निर्माता, भारत रत्न परमपूज्य बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को उनकी 127वीं जयंती के शुभअवसर पर अपने व पार्टी की और से भी श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने आज कहा कि जैसाकि विदित है कि आज पूरे देशभर में बहुजन समाज पार्टी द्वारा भारतीय संविधान के मूल निर्माता व दलित, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा परम्-पूज्य बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती “विचार-संगोष्ठी” के रूप में मनाई गई और इस शुभ-अवसर पर, उन्होंने बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर को अपनी व अपनी पार्टी की ओर से भी पूरे तहेदिल से श्रद्धा-सुमन अर्पित किये।

और इस मौके पर, मैं उनके करोड़ों अनुयाइयों से यह भी अपील करती हूँ कि वे उनके बताएं हुये रास्तों पर चलकर अपने पैरों पर खुद खड़े हों, तभी फिर बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर का अधूरा रहा कार्य व सपना भी पूरा हो सकता है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी व इनकी केंद्र एवं राज्य सरकारों को और विशेषकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी यह कहना है कि बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन से जुड़े कुछ स्थलों को केवल सम्मान देने से व इनके नाम पर कुछ योजनायें आदि चलाने से भी, इनके अनुयाइयों का विकास व उत्थान नहीं हो सकता है, बल्कि इसके लिये उन्हें इनके करोड़ों अनुयाइयों के प्रति अपनी हीन व जातिवादी मानसिकता को बदलना होगा, जो अभी तक भी हमें बदलती हुई नजर नही आ रही है और यदि बदली हुई होती, तो फिर यह सरकार SC/ST Act को प्रभावी बनाने के लिये अभी तक अध्यादेश जरूर ले आती।

इसके अलावा फिर इनके राज में SC/SC Act व पदोन्नति में आरक्षण निष्प्रभावी व प्रभावहीन नही होता और ना ही हैदराबाद का दलित रोहित वेमुला-काण्ड व गुजरात का दलित ऊना-काण्ड तथा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में शब्बीरपुर गांव में भी दलितों का बड़े-पैमाने पर शोषण व उत्पीड़न आदि होता तथा ना ही SC/ST Act को प्रभावी बनाने के लिये के केंद्र सरकार पर दबाव बनाने हेतु सड़कों पर उतरे इन वर्गों का “दिनांक 2 अप्रैल 2018” को बड़े-पैमाने पर शोषण व उत्पीड़न होता।

इसके साथ ही यदि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के सच्चे भक्त होते तो फिर से उनके अनुयाइयों पर आयेदिन हो रही जुल्म-ज्यादती को किसी भी कीमत पर होने नही देते।

हालाँकि इस बात में भी कोई सन्देह नहीं कि श्री मोदी लोकसभा आमचुनाव में देश की आमजनता को हवा-हवाई व खोखले आश्वासन देकर ही देश के प्रधानमंत्री बने हैं। जिनका इन्होंने अभी तक एक-चौथाई हिस्सा भी ओर नही किया है। वैसे भी श्री मोदी मूल रूप से पिछड़े वर्ग के नहीं हैं, बल्कि अपरकास्ट समाज से हैं, जिन्होंने गुजरात प्रदेश में अपनी सरकार बनने पर इसे अन्य पिछड़े वर्ग की सूँची में शामिल करवा किया था। अर्थात इनकी अब तक की रही कार्यशैली से यह नही लगता है कि यह बाबा साहब के सच्चे अनुयायी हो सकते हैं। वरना यह SC/ST Act के मामलें की माननीय सुप्रीम कोर्ट में सही पैरवी जरूर करते, जो इन्होंने नही की है।

इसके साथ ही फिर इनकी पार्टी (बीजेपी) सन् 1989 में केंद्र में श्री वी.पी. सिंह के नेतृत्व में बनी सरकार में, बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर को मिली भारत-रत्न की उपाधि का व पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण दिये जाने को लेकर लागू की गयी मण्डल-कमीशन की रिपोर्ट से भी दुःखी होकर इनकी सरकार को नही गिराते।

इतना ही नही बल्कि कठुआ व उन्नाव में हुये रेप काण्ड से भी ऐसा नही लगता है कि यह पार्टियां महिलाओं व बेटियों के लिये भी सच्चे हितैषी है, जबकि बाबा साहब महिलाओं को मान-सम्मान के साथ आगे बढ़ते हुये देखना चाहते थे।

ऐसी स्थिति में, बाबा साहब के नाम पर, इनके द्वारा आयेदिन की जा रही किस्म-किस्म की नाटकबाजी से, इन वर्गों के ऊपर कुछ भी प्रभाव पड़ने वाला नही है। इसलिये अब इनको बाबा साहब डा. अम्बेडकर के नाम पर, अपनी दिखावटी नाटकबाजी बन्द करनी चाहिये और इसके स्थान पर अब इनको, इनके अनुयाइयों के “आत्म-सम्मान व विकास एवं उत्थान” की तरफ पूरी ईमानदारी व निष्ठां से ध्यान देना चाहिये। तभी फिर ये लोग, इन वर्गों के “दिलों” में अपनी थोड़ी बहुत जगह बना सकते हैं। अन्यथा फिर इनके इस दोहरे मापदण्ड से इनको कुछ भी राजनैतिक लाभ मिलने वाला नही है, ऐसी मेरी इनको सलाह भी है।

इसके साथ ही इन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहब की जगह-जगह मूर्ति तोड़े जसने के साथ-साथ उनके करोड़ों अनुयाईओंका संवैधानिक हक़ छीनने तथा उन पर भारी जुल्म-ज्यादती व पुलिस अत्याचार करने वाली बीजेपी एवं इनकी केंद्र व राज्य सरकारों को क्या कोई हक़ बनता है कि वे बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती मनाये?

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार बाबा साहब डा. अम्बेडकर के संवैधानिक सपनों को कुचलने वाली सरकार अभी तक साबित हो रही है जिससे इनके शासनकाल में देश में कानून-व्यवस्था व आर्थिक क्षेत्र सहित जीवन के हर क्षेत्र में व हर तरफ अराजकता को काफी ज्यादा बढ़ावा मिला हुआ है जो देशहित को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है और साथ ही इसका खामियाजा सर्वसमाज की सवासौ करोड़ जनता को भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के नेतृत्व में जनता को गुमराह करने की बीजेपी की जुमलेबाजी , नाटकबाजी व विभिन्न प्रकार की अन्य ढोंग बहुत हो गयी है और अब इनका उपवास व बाबा साहब डा. भेदमराव अम्बेडकर को राजनैतिक स्वार्थ की खातिर स्मरण करके, नाटक चलने वाला नहीं है। वैसे भी बाबा साहब के अनुयाइयों पर भारी जुल्म-ज्यादती व ख़ासकर दिनांक 02 अप्रैल 2018 को इनके “भारत बन्द” के बाद बीजेपी सरकार द्वारा लगातार जारी अन्याय-अत्याचार व निर्दोषों की गिरफ्तारी आदि के बाद इनको बाबा साहब की जयंती मनाने का कोई नैतिक हक़ नही बनता है।

नई दिल्ली में बाबा साहब की प्रतिमा पर आज सुबह माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद सुश्री मायावती जी ने देशभर में बी.एस.पी. के समस्त छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं व बाबा साहब के करोड़ों अनुयाइयों का तहेदिल से शुक्रिया अदा करते हुये उन्हें शुभकामनाएँ दी जिन्होंने आज गाँव-गाँव में, जिलों में, मण्डल में व राज्य स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके बाबा साहब को बिना किसी स्वार्थ के दिल से स्मरण किया और उनके सपनों को समतामूलक बनाने के लिये अपनी पार्टी की सरकार बनाने का संकल्प लिया। उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. के लोगों ने प्रदेश के सभी मण्डलों में विचार-संगोष्ठी का बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर बाबा साहब को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया जबकि लखनऊ मण्डल में बी.एस.पी. के लोगों ने राजधानी लखनऊ में बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित ऐतिहासिक महत्व के भव्य “डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल” में बाबा साहब डा. अम्बेडकर की भव्य प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।

सुश्री मायावती जी ने इस अवसर पर यह कहा कि देश में सर्वसमाज के लोगों ख़ासकर करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों आदि के साथ-साथ शोषित-पीड़ित दलितों, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों व अपरकास्ट समाज के गरीबों को अपने जीवन में बेहतर बदलाव लाने के लिये बीजेपी की केंद्र व राज्य की जातिवादी व विश्वासघाती सरकारों को उखाड़ फेंकना बहुत जरूरी है क्योंकि इनके शासनकाल में इन बहुसंख्यकों का जीवन काफी ज्यादा कठिन, तनावपूर्ण व नरकीय बन गया है।

इसके साथ ही, बीजेपी अपने चन्द बड़े ख़ास लोगों के लिये अच्छे दिन तो ले आई है लेकिन गरीबों से अच्छे दिन लाने के वायदे को पूरी तरह से भुला बैठी है और अब इन वर्ग के लोगों को यह यकीन हो गया है कि बीजेपी इनके अपने जीवन में कभी भी सुधार नही ला सकती है क्योंकि बीजेपी बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों की पार्टी है और इनके ही इशारों पर गरीबों, किसानों, मजदूरों के हित व कल्याण के विरुद्ध जनविरोधी कार्य ही करती रहती है।

बीजेपी गरीब, मजदूर व किसान-विरोधी तथा बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों की पार्टी है और इनके ही धनबल पर आगे बढ़ रही है।

बीजेपी देश की सवासौ करोड़ जनता को अच्छे दिन के झूठे सपने दिखाती है जबकि मुट्ठीभर बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों के हित में केवल उनके लिये दिन लाने हेतु सरकारी शक्ति व संसाधन का दुरूपयोग करती रहती है। यही कारण है कि देश के बैंकों में एक-के-बाद-महाघोटाला होता चला जा रहा है और बीजेपी के प्रिय “भाई” लोग देश का अरबों-खरबों रुपया गबन करके विदेश भसग जाने में सफल होते जा रहे हैं, हालाँकि श्री मोदी का वायदा था कि विदेशों से भारत का कालाधन वापस लायेंगे और गरीबों में बाटेंगे।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि आज दुनिया के अनेक देशों के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति सरकारी जाँच के घेरे में हैं और जेल जसने का संकट झेल रहे हैं, परन्तु प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी निश्चित है कि क्योंकि गुजरात के “लोकायुक्त” की तरह इन्होंने पिछले चार वर्षों में “लोकपाल” की नियुक्ति ही नहीं होने दी है ताकि इनकी सरकार के खिलाफ कोई मामला ही ना बन सके। जाहिर है कि ना होगा बाँस ना बजेगी बांसुरी। यह है बीजेपी सरकार का भ्रष्टाचार से लड़ने का संकल्प जिस पर देश की जनता समझ नही पा रही है कि वह इस विडम्बना पर हँसे या रोये।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सरकार को सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या के साथ-साथ देश में मंहगाई, गरीबी, बेरोजगारी, जातिवादी शोषण, अत्याचार व गैर-बराबरी को बढ़ाने वाली सरकार बताते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि नरेंद्र मोदी कि सरकार व बीजेपी देश के मानवतावादी व कल्याणकारी भारतीय संविधान को हर प्रकार से फेल करने में लगी हुई है और क्रम में देश की न्यायिक व्यवस्था में भी जबर्दस्ती हस्तक्षेप करके इसका भी बुरा हाल करने पर अमादा लगता है, जो अति-चिंता की बात है क्योंकि सरकारी उत्पीड़न व अत्याचार से पीड़ित देश के करोड़ों शोषितों व गरीबों के लिये न्याय पाने का आखिरी सहारा न्यायपालिका ही है, जिसके स्वतन्त्र रहने की वकालत बाबा साहब ने की थी।

इतना ही नही बल्कि श्री नरेंद्र मोदी की केंद्र व उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में बीजेपी सरकारों की संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक, सामन्ती व विघटनकारी चाल, चरित्र व चेहरे के कारण समाज व देश में फैली हिंसा व अराजकता का काफी बोलबाला है जिस कारण सर्वसमाज के गरीबों, युवाओं, बेरोजगारों के साथ-साथ देश के करोड़ों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों तथा अपरकास्ट समाज के गरीबों का जीवन, आज जितना ज्यादा दुःखी व मुश्किल हो गया है उसकी दूसरी मिसाल आजाद भारत के इतिहास में मिलनी मुश्किल है और इसलिये लोकसभा के अगले आमचुनाव में इस सरकार से छुटकारा पाना देशहित में सबसे बड़ा कर्तव्य होगा।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि बाबा साहब की सोच सर्वसमाज के कल्याण व हित से ओत-प्रोत थी और यही कारण है कि उन्होंने इस देश को अनुपम मानवतावादी संविधान दिया जो इस देश की सबसे बड़ी शान व ताकत है। उस संविधान के बल पर ही समाज का हर वर्ग अपने-अपने हिस्से की भलाई चाहता है और यह ख़ासकर की संवैधानिक जिम्मेदारी बनती है कि यह पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ काम करके हर देशवासी को उसका जायज हक़ दे और दिलवाना भी सुनिश्चित करे। वास्तव में इस देश पर परमपूज्य बाबासाहब के इतने ज्यादा एहसान है कि उनका कर्ज कभी भी चुकाया नहीं जा सकता है।

इसके साथ ही यहाँ यह भी सत्यता है कि बाबा साहब की सोच का समतामूलक मानवतावादी भारत बनाने का दृढ संकल्प उनकी अनुयायी पार्टी केवल बी.एस.पी. ही रखती है और इस पार्टी ने अपने चार बार के शासनकाल में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में ऐसा करके भी दिखाया है जबकि अब उत्तर प्रदेश में बीजेपी की श्री आदित्यनाथ सरकार में जंगलराज का यह हाल है कि मुख्यमंत्री के अपने गृह जनपद तक में रिटायर पुलिस दरोगा व उसके बेटे की गवाही देने से रोकने के लिये सरेआम कत्ल कर दिया जाता है तथा इनके विधायक व मंत्री कदम-कदम पर महिला दुराचार व कानून-व्यवस्था आदि की हैवानियत के दोषी पाये जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में अब तक उत्तर प्रदेश में चार बार बनी उनकी सरकार में बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिये तथा उनके आदर-सम्मान में जनहित की अनेकों महत्वपूर्ण योजनायें और कार्यक्रम भी संचालित किये गये। साथ ही, बाबा साहब के सम्मान में आगरा विश्वविद्यालय का नामकरण बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर किया गया। इसी विश्वविद्यालय में बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर अम्बेडकर पीठ की भी स्थापना की गयी। डा. अम्बेडकर अनुसूचित जाति/जनजाति कोचिंग सेंटर की स्थापना जनपद अलीगढ़ और आगरा में की गयी। फ़ैजाबाद मण्डल के अंतर्गत अम्बेडकरनगर के नाम से नये जिले का गठन किया गया। वाराणसी में बाबा साहब के नाम पर स्टेडियम का नामकरण तथा रामपुर में संग्रहालय व पुस्तकालय की स्थापना की गयी। इसके आलावा, जनपद बांदा में बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर मेडिकल कॉलेज, नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में डा. भीमराव अम्बेडकर मल्टी सुवर स्पेशियल्टी अस्पताल स्थापित कराये गये।

इसके आलावा कानपूर में डा. भीमराव अम्बेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी फार हैंडिकैप्ड तथा जनपद आजमगढ़ में डा. भीमराव अम्बेडकर भवन का निर्माण कराया गया। मैनपुरी तथा कन्नौज में डा. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की गयी। इसी प्रकार लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर अंतराष्ट्रीय खेल स्टेडियम तथा ग्रेटर नोएडा में 500 सीटों वाले डा. अम्बेडकर अनुसूचित जाति/जनजाति छत्रावास का निर्माण कराया गया। आगरा एवं गौतम बुद्ध नगर में डा. अम्बेडकर पार्क स्थापित किया गया। लखनऊ में डा. अम्बेडकर पर्यावरण म्युज़ियम तथा डा. अम्बेडकर पर्यावरण परिसर का निर्माण कराया गया। बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर विश्विद्यालय, लख़नऊ में अम्बेडकर पीठ की स्थापना तथा प्रशासनिक भवन संकुल का निर्माण कराया गया है।

बाबा साहब डा. अम्बेडकर की स्मृति में बी.एस.पी. सरकार द्वारा लखनऊ में नदी के तट पर विश्व-स्तरीय “डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल” स्थापित किया गया है, जिसके अंतर्गत डा. भीमराव अम्बेडकर विहार डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन गैलरी, डा. भीमराव अम्बेडकर स्मारक दृश्य स्थल, बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी के नेतृत्व में बी.एस.पी. द्वारा आज पूरे देशभर में भारतीय संविधान के मूल निर्माता एवं दलितों, पिछड़ों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा।

परमपूज्य बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती, विचार-संगोष्ठी के रूप में मनाई गई और इस शुभ-अवसर पर इन्होंने अपनी पार्टी की ओर से, इनको पूरे तहेदिल से अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित किये।

साथ ही उनके करोड़ों अनुयाइयों से यह भी अपील की, ये उनके बताये हुये रास्तों पर चलकर, अपने पैरों पर खुद खड़े हों, तभी फिर बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर का अधूरा रहा कार्य व सपना भी पूरा हो सकता है।

बीजेपी व इनकी केंद्र एवं राज्य सरकारों को और विशेषकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी यह कहना है कि बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन से जुड़े कुछ स्थलों को केवल सम्मान देने से व इनके नाम पर कुछ योजनायें आदि चलाने से भी, इनके अनुयाइयों का विकास व उत्थान नहीं हो सकता है, बल्कि इसके लिये उन्हें इनके करोड़ों अनुयाइयों के प्रति अपनी हीन व जातिवादी मानसिकता को बदलना होगा, जो अभी तक भी हमें बदलती हुई नजर नहीं आ रही है और यदि बदली होती, तो फिर यह सरकार SC/SC Act को प्रभावी बनाने के लिये अभी तक अध्यादेश जरूर ले आती।

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की जगह-जगह मूर्ति तोड़े जाने व उनके करोड़ों अनुयाइयों का संवैधानिक हक़ छीनने तथा उन पर भारी जुल्म-ज्यादती व पुलिस अत्याचार करने वाली बीजेपी एवं इनकी केंद्र व राज्य सरकारों को क्या कोई हक़ बनता है कि वे बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती मनाते?

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के संवैधानिक सपनों को कुचलने वाली सरकार अभी तक साबित हुई है जिससे देश भर में कानून-व्यवस्था व आर्थिक क्षेत्र सहित जीवन के हर क्षेत्र में हर तरफ अराजकता को बढ़ावा मिला हुआ है जिसका खामियाजा सर्वसमाज की सवासौ करोड़ जनता को भुगतना पड़ रहा है।

बीजेपी गरीब, मजदूर व किसान-विरोधी तथा बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों की पार्टी है और उनके ही धनबल पर आगे बढ़ रही है।

यही कारण है कि देश के बैंकों में लगातार महाघोटाला होता चला जा रहा है और बीजेपी के प्रिय “भाई” लोग गरीबों का बैंक में जमा अरबों-खरबों रुपया गबन करके विदेश भाग जाने में सफल होते जा रहे हैं, हालाँकि श्री मोदी का वायदा था कि विदेशों से भारत का कालाधन वापस लायेंगे और गरीबों में बाटेंगे।

परन्तु प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार निश्चित है, क्योंकि गुजरात के “लोकायुक्त” की तरह इन्होंने पिछले चार वर्षों में “लोकपाल” की नियुक्ति ही नहीं की है ताकि इनकी सरकार के खिलाफ कोई मामला ही ना बन सके : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

[irp]

Sponsored Content

+ There are no comments

Add yours