बहुजन और संसद – Bahujans and Parliament
संसद का क्या उद्देश्य है? संसद बनाया गया है ताकि प्रतिनिधि अपने लोगों के लिए नीतियां बनाए। अगर आप अपने लोगों के साथ किए गए अन्याय के बारे में संसद को सूचित करने के लिए किसी सांसद को अनुमति नहीं देते हैं, तो संसद में होने का कोई मतलब नहीं है। संसद प्रतिनिधि के लिए बनाया गया है, प्रतिनिधि संसद के लिए नहीं.
इस संसद में पसमांदा और सबसे पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व नहीं है। बहुजन महिलाओं को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। क्या इस संसद ने आदिवासियों या कारीगर जातियों की समस्या के बारे में चर्चा की है?
बसपा नेता मायावती का यह कदम बहुत सही है। अगर वह राज्यसभा से बाहर नहीं निकलती है, तो वह संस्था को वैधता देगी। उनके इस कदम से पता चलता है कि संसद में बहुजनो के एस्पिरेशन के लिए जगह नहीं है। ये बस बहुजनो को धोखा देने के लिए हैं.
यह दर्शाता है कि यह संसद वास्तव में क्या है यह एक ब्राह्मणों का अखाड़ा जहाँ इस देश का जो असली प्रतिनिधि हैं वो पहुंचने में असमर्थ हैं और अगर वे किसी तरह पहुंच जाते हैं, तो उन्हें बहुजनो के हितों को व्यक्त करने की अनुमति नहीं है। केवल ब्राह्मण, पैसा और सामंती जातियाँ वहां मौजूद हैं।
लोकतंत्र के नाम पर इस मजाक को समाप्त करें। इस संसद में हमें टोकन प्रतिनिधत्व नहीं चहिये, हम अपनी प्रभावी प्रतिनिधित्व चाहते हैं। यह एक ईवीएम सरकार है.
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#Mayawati को बोलने से रोकना शर्मनाक है।
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Bahujans and Parliament
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What is the purpose of the Parliament? Parliament is created so the representatives make policies for their people. If you do not allow a MP to inform the Parliament about the injustices done to your people, then there is no point of being in the Parliament. Parliament is created for representative, not representative for Parliament.
This Parliament does not have the representation of Pasmanda and most backward classes. Bahujan women have been completely sidelined. Has this Parliament discussed the problem of tribals or artisan castes ?.
This step of BSP leader Mayawati is right. If she does not quit Rajya Sabha, it will give legitimacy to the institution. This step shows that the Parliament does not enjoy the support of wished of the Bahujan. They have been hoodwinked by these nominated representatives.
This shows what this Parliament really is. It is an akhrahara where real representatives are unable to reach and if they reach somehow, then they are not allowed to express interests of Bahujan. only brahmins, money bags and feudal lords prevail there.
Let’s end this charade in the name of democracy. This Parliament does not enjoy the popular support of people. We want our effective representation, not nominated representatives.It is an EVM government.
Author – Loknath Kumar and Archana
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Great!!!