Read more बाबा साहेब अम्बेड़कर या भगवान अम्बेड़कर – तय करो क्या चाहिए एक बडा सा छायादार वृक्ष, हर कोई उसकी छाया मे बैठ सके, आराम कर सके. फिर प्रवेश होता है परजीवियों का अमरबेल कह लो, वो धीरे धीरे सारे वृक्ष पर छाती चली जाती है. अब कुछ सालों बाद वृक्ष मर जाता है और छा…