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“मूकनायक” पाक्षिक का पहला अंक 31 जनवरी 1920 को प्रकाशित हुआ था

*अभिप्राय*

(“मूकनायक” पाक्षिक का पहला अंक 31 जनवरी 1920 को प्रकाशित हुआ था, जिसका संवाद किए डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने अभिप्राय नाम से लिखा था।)

हिंदुस्तान के जीव पदार्थ तथा मानव जाति के  चलचित्र की…

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31 विशेषाधिकार, जो सिर्फ ब्राह्मणों को हासिल हैं

1) अगर मैं ब्राह्मण हूं तो समाज में मुझे आदर मिलेगा और मेरे नाम के साथ जी या पंडित जोड़ा जाएगा

2) अगर मैं ब्राह्मण हूं तो मुझे देश की किसी भी हाउसिंग सोसायटी में घर मिलने में दिक्कत नहीं होगी.

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डा. अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएँ

डा. बी आर अम्बेडकर द्वारा धम्म परिवर्तन के अवसर पर अनुयायियों को दिलाई गयीं  22 प्रतिज्ञाएँ

डा बी.आर. अम्बेडकर ने दीक्षा भूमि, नागपुर, भारत में ऐतिहासिक बौद्ध धर्मं में परिवर्तन के अवसर पर,14 अक्टू…

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शहीद उधम सिंह – ‘मुझे मृत्यु का डर नहीं, मैं अपने देश के लिए मर रहा हूं’

कुछ समय पहले भारत देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, समय-समय पर अनेकों क्रान्तिवीरों ने देश को आजाद करवाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। भारत भूमि सच्चे वीरों की भूमि है। देश में भगत सिंह, सु…

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बाबासाहेब आंबेडकर के सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार व कथन हिंदी तथा इंग्लिश में

Men are mortal. So are ideas. An idea needs propagation as much as a plant needs watering. Otherwise both will wither and die.

पुरुष नश्वर है और विचार भी। एक विचार को प्रसार की उतनी ही आवश्यकता है…

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महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले

ज्योतिबा फुले का जन्म 11अप्रेल, 1827 को पुणे में “गोविंदराव” और “चिमना बाई” के यहाँ एक “माली” परिवार में हुआ था। ज्योतिबा एक महान क्रांतिकारी, समाज-सेवी और विचारक के रूप में विख्यात हुए। ज्योतिबा म…

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एक अनोखा युद्ध – भीमा कोरेगांव

अधिकतर लोगों ने 300 फिल्म तो देखी ही होगी। लेकिन कभी अपने भारतीय इतिहास के ऐसे ही युद्ध के बारे मे पढ़ा है? दुनिया के इतिहास में ऐसा युद्ध ना कभी किसी ने पढ़ा होगा और ना ही सोचा होगा, जिसमें 28,000…

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129वीं बाबासाहेब आंबेडकर जयंती पर चिंतन

हम बहुत ही अनिश्चित और अजीबोगरीब माहौल में प्यारे बाबासाहेब की 129 वीं जयंती मना रहे हैं। भीम जयंती को एक मेगा सार्वजनिक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है और यह पूरे भारत और दुनिया के कुछ हिस्सों …

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डाॅ. बाबासाहब अंबेडकर और धर्म-परिवर्तन की घोषणा जिसने सब को हिला दिया था

बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर ने 13 अक्टूबर, 1935 में धर्म-परिवर्तन की सार्वजनिक घोषणा करते हुए कहा था – “दुर्भाग्य से मैं हिन्दू समाज के एक अछूत के रूप में पैदा हुआ हूँ। यह मेरे वश की बात नहीं थी; लेकिन ह…

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साहब कांशी राम और “दलित” शब्द का सवाल?

आज पुरे भारत और यहाँ तक की विश्व में “दलित” शब्द के इस्तेमाल को लेकर एक बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जहाँ एक ओर ब्राह्मणवादी मीडिया और समाज इसे बढ़ा-चढ़ा कर इस्तेमाल कर रहा है, वहीं ST, SC, OBC की म…

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