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रमाबाई अम्बेडकर को याद करते हुए

रमाबाई अम्बेडकर

जालिमों से लड़ती भीम की रमाबाई थी
मजलूमों को बढ़ के जो,आँचल उढ़ाई थी
जाति धर्म चक्की में पिसते अवाम को
दलदल में डूबते समाज को बचाई थी

एक-एक पैसे से,भीम को पढ़ाई थी
मेहनत मजदूरी से…

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