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भारतीय संविधान और बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर

आज ही के दिन 26 नवम्बर, 1949 को “भारतीय संविधान” बनकर तैयार हुआ था। भारतीय संविधान के स्मृतिकार बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर को कहा जाता है क्योंकि इस संविधान के निर्माण में उन्होंने ही महत्वपूर्ण भूमिका …

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धरती आबा बिरसा मुंडा को समर्पित सूरज कुमार बौद्ध की कविता- अबुआ दिशुम, अबुआ राज

अबुआ दिशुम अबुआ राज

हे धरती आबा,
तुम याद आते हो।
खनिज धातुओं के मोह में
राज्य पोषित ताकतें
हमारी बस्तियां जलाकर
अपना घर बसा रहे हैं।
मगर हम लड़ रहे हैं
केकड़े की तरह इन बगुलों के
गर्दन क…

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चंद्रशेखर पर रासुका लगाकर प्रदेश की सवर्ण-सामंती सरकार इंसाफ का गला घोट रही – रिहाई मंच

चंद्रशेखर पर रासुका लगाकर प्रदेश की सवर्ण-सामंती सरकार इंसाफ का गला घोट रही – रिहाई मंच. प्रदेश की सवर्ण सामन्ती सरकार चंद्रशेखर को लम्बे समय तक जेल में फर्जी ढंग से फंसाकर रखना चाहती है- अनिल यादव…

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चंद्रशेखर आजाद रावण पर रास्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका)

चंद्रशेखर आजाद रावण आज दलित अस्मिता और आजाद खयालो के प्रतीक बन चुके हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने उन पर रास्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाकर इलाहबाद हाई कोर्ट के उस आदेश की तौहीन की है जिसमे उसने आजाद को ब…

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ब्राह्मणवाद दुनिया की सबसे निर्मम, निष्ठुर, हिंसक और बर्बर विचारधारा है

शंबूक तो हर युग में मारा जाएगा. अध्ययन करने की उसकी हिम्मत कैसे हुई. एकलव्य का अंगूठा तो कटकर रहेगा. वह स्पोर्ट्स का चैंपियन कैसे बन सकता है. रोहित वेमुला को मरना ही होगा. पीएचडी एंट्रेंस का टॉपर ह…

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मैं विकास बोल रहा हूं।

मैं विकास बोल रहा हूं,
मेरे जनक नरेंद्र मोदी हैं।

गुजरात में जन्मा हुआ,
चाय बेचकर पला-बढ़ा।
डिग्री विग्री की बात न पूछो,
सहपाठी का नाम न पूछो,
मेरा नाम विकास है
मुझसे दाल का दाम न पूछो।
मुझ…

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सूबे में प्रतिमा-विसर्जन में हो रहे सांप्रदायिक तनाव के लिए योगी सरकार जिम्मेदार – रिहाई मंच

भाजपा की रणनीति है कि पूरे देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंककर कुर्सी हासिल किया जाये

लखनऊ 22 अक्टूबर 2017. रिहाई मंच ने सूबे में प्रतिमा-विसर्जन के दौरान हो रहे सांप्रदायिक तनाव के लिए योगी …

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झारखंड में भूख से हुई मौत एक बेटी की मौत नहीं बल्कि रोटी की मौत

कुछ दिन पहले झारखंड में भूख की वजह से एक बच्ची की जान चली गई। बच्ची की मौत भूख के चलते हुई क्योंकि परिवार का राशन कार्ड, पहचान पत्र न होने के चलते रद्द कर दिया गया था। इंसान कितना स्वार्थी और निर्द…

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अमित शाह……ब जी, अब सोशल मीडिया से इतनी बौखलाहट क्यों

नेताओं की सियासत -बोलो मत, सिर्फ झेलो।

राजनीति भी अजीब होती है। राजनेता तो उससे भी अजीब होते हैं। दरअसल राजनीति एक बिजनेस की तरह है। जैसे बिजनेसमैन कोई भी बात अपने नफे-नुकसान के आधार पर करता है …

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डाॅ. बाबासाहब अंबेडकर और धर्मांतरण

13 अक्तूबर 1935 को बाबासाहब अंबेडकर जी ने नाशिक जिला के येवला शहर में धर्मांतरण की घोषणा की।

बाबासाहब अंबेडकर यह धर्मांतरण न करे या अपने धर्म में आ जाए इसलिए कुछ व्यक्ति एवं कुछ धर्मों के लोग उन…

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डाॅ. बाबासाहब अंबेडकर और धर्म-परिवर्तन की घोषणा

बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर ने 13 अक्टूबर, 1935 में धर्म-परिवर्तन की सार्वजनिक घोषणा करते हुए कहा था – “दुर्भाग्य से मैं हिन्दू समाज के एक अछूत के रूप में पैदा हुआ हूँ। यह मेरे वश की बात नहीं थी; लेकिन ह…

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पाखण्डवाद की साजिश का पर्दाफाश करती उदय कुमार की कविता – ये है कैसा करवाचौथ?

जय भीम साथियों, जैसा कि यह तथ्य है कि अपने पुरखों की प्रेरणा को मुकम्मल मकाम तक पहुंचाते बाबा साहेब अंबेडकर ने भारत की महिलाओं को ब्राम्हणवाद की चंगुल से मुक्त कराया। उठने , पढ़ने लिखने, नौकरी करने,…

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अगर मांगने से दुआ कबूल होती – आधी आबादी को अपने हक़ के लिए लड़ने को प्रेरित करती सूरज कुमार बौद्ध की कविता

आधी आबादी को अपने हक़ के लिए लड़ने को प्रेरित करती सूरज कुमार बौद्ध की कविता: अगर मांगने से दुआ कबूल होती।

हजारों सालों से धर्मशास्त्रों के माध्यम से इस देश के आधी आबादी का दमन होता रहा। मनुस्मृति…

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कौन डरता है कांचा इलैया से #StandWithKanchaIlaiah

कांचा इलैया की इस किताब पर सारा विवाद इसकी हिंदी कॉपी आने के बाद हुआ. इसका पहला मतलब यह है कि नौ साल से इसकी इंग्लिश कॉपी बिक रही है. अमूमन देश भर की लाइब्रेरी में है. लेकिन मूर्खों को कोई दिक्कत न…

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क्वालालम्पुर मलेशिया में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय दलित कन्वेंशन को साहेब कांशी राम का सम्बोधन

You can read the same speech in English from – Saheb Kanshi Ram’s Speech at First International Dalit Conference (Kuala Lumpur)

जातिविहीन समाज की स्थापना के लिए आपको देश का हुक्मरान बनना होगा

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