कांशी राम के 10 अनमोल विचार व कथन जो आपको पढ़ने चाहिए
बीएसपी के संस्थापक कांशी राम के 10 अनमोल विचार व कथन यहां दिए गए हैं। जिस पर दलितों को गंभीरता से सोचना चाहिए और अपने सुझावों को व्यवहार में लाना चाहिए। Read it in English from 10 Quotes of Kanshi Ram You Should Read
- ऊंची जातियां हमसे पूछती हैं कि हम उन्हें पार्टी में शामिल क्यों नहीं करते, लेकिन मैं उनसे कहता हूं कि आप अन्य सभी दलों का नेतृत्व कर रहे हैं। यदि आप हमारी पार्टी में शामिल होंगे तो आप बदलाव को रोकेंगे। मुझे पार्टी में ऊंची जातियों को लेकर डर लगता है। वे यथास्थिति बनाए रखने की कोशिश करते हैं और हमेशा नेतृत्व संभालने की कोशिश करते हैं। यह सिस्टम को बदलने की प्रक्रिया को रोक देगा।
- जब तक, जाति है, मैं अपने समुदाय के लाभ के लिए इसका उपयोग करूँगा। यदि आपको कोई समस्या है, तो जाति व्यवस्था को समाप्त करें।
- जहाँ ब्राह्मणवाद एक सफलता है, कोई अन्य ’ वाद’ सफल नहीं हो सकता है, हमें मौलिक, संरचनात्मक, सामाजिक परिवर्तनों की आवश्यकता है।
- बहुत लंबे समय से हम सिस्टम के दरवाजे खटखटा रहे हैं, न्याय मांग रहे हैं और न्याय नहीं पा रहे हैं, इन हथकड़ियों को तोड़ने का समय आ गया है।
- हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम व्यवस्था के पीड़ितों को एकजुट नहीं करेंगे और हमारे देश में असमानता की भावना को खत्म नहीं करेंगे।
- मैं गांधी को शंकराचार्य और मनु (मनु स्मृति के) की श्रेणी में रखता हूं जो उन्होंने बड़ी चतुराई से 52% ओबीसी को किनारे रखने में कामयाब रहे।
- जिस समुदाय का राजनीतिक व्यवस्था में प्रतिनिधित्व नहीं है, वह समुदाय मर चुका है।
- हम सामाजिक न्याय नहीं चाहते हैं, हम सामाजिक परिवर्तन चाहते हैं। सामाजिक न्याय सत्ता में मौजूद व्यक्ति पर निर्भर करता है। मान लीजिए, एक समय में, कोई अच्छा नेता सत्ता में आता है और लोग सामाजिक न्याय प्राप्त करते हैं और खुश होते हैं लेकिन जब एक बुरा नेता सत्ता में आता है तो वह फिर से अन्याय में बदल जाता है। इसलिए, हम संपूर्ण सामाजिक परिवर्तन चाहते हैं।
- जब तक हम राजनीति में सफल नहीं होंगे और हमारे हाथों में शक्ति नहीं होगी, तब तक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन संभव नहीं है। राजनीतिक शक्ति सफलता की कुंजी है।
- सत्ता पाने के लिए जन आंदोलन की जरूरत होती है, उस जन आंदोलन को वोटों में परिवर्तित करना, फिर वोटों को सीटों में बदलना, सीटों को [सत्ता में] परिवर्तित करना और अंतिम रूप से [सत्ता में] केंद्र में परिवर्तित करना। यह हमारे लिए मिशन और लक्ष्य है।
ये कांशीराम के उद्धरण थे जो हमें दिलचस्प लगे। आप इन उद्धरणों के बारे में क्या सोचते हैं और दलित इन्हें कैसे व्यवहार में ला सकते हैं? हमें टिप्पणियों में बताएं इसे अपने दोस्तों और परिवारों के साथ भी साझा करें।
Translated from English to Hindi by Amandeep Singh
दलित और ओबीसी जिसको नेता मानते हैं वही इनको ठगते हैं।परिणाम नेता पर से विस्वास उठ जाना है।जबकि सभी नेता एक जैसे नही होते।कुछ सही में परिवर्तन लाना चाहते हैं।जरूरी है कि नेताओं पर विस्वास कायम हो।इस तरह का कोई उपाय होना चाहिए।
मेरे विचार से दूसरा सबसे अहम बात है शिक्षा।अभी लॉक डाउन के वजह से bjp डिजिटल रैली कर रही है।लोग घरों में बंद है।अभी किसी मांग के लिए डिजिटल होना जरूरी है।इसलिए ट्वीटर पर विभिन्न प्रकार के ट्रेंड बनाये जाते हैं।तो जो स्मार्टफोन चलना जानता होगा वही इसमे भाग ले सकता है।दलित ओबीसी की इतनी संख्या होते हुए भी ।डिजिटल मीडिया में कम है।इसका फायदा bjp उठाने की कोसिस कर रही है।सवर्ण पढे लिखे हैं।वो 99%डिजिटल है।bjp सवर्णों की पार्टी है।इसलिए वो इसपर इतना जोर दे रही है।
जाती वाद सबसे बड़ी त्रासदी है।इंडिया इतने दिनों तक गुलाम रहा उसके जर में भी जाति वाद ही है।सवर्णों में खास कर ब्राह्मण का एक ही मकसद है।चाहे कुछ भी हो।कोई तिकड़म करना परे मेरा बर्चस्व हो हर जगह।अगर आज देश गुलाम हो जाय तो ब्राह्मण उसी के साथ मिल जाएगा बर्चस्व के लिए।
वैसे अपवाद सभी जाति में है।