बीजेपी के आरक्षण-विरोध की नीयत व नीति का डटकर विरोध करे – बसपा का प्रेस रिलीज़


दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का आरक्षण जातिवादी षड्यंत्र के तहत काफी हद तक निष्प्रभावी बना दिये जाने तथा प्राइवेट क्षेत्र में भी आरक्षण की सरकारी व्यवस्था नही करने के बाद बीजेपी की केंद्र व राज्य सरकारें अब इससे भी दो कदम और आगे बढ़ते हुये आरक्षण के विरोध में खड़ी हो गयी हैं।

और इनके लिये उन्होंने सीधे आगे आने की बजाय सोशल मीडिया के माध्यम से अपरकास्ट समाज को आगे करके आज “भारत बन्द” का जो जबर्दस्ती संविधान विरोधी आयोजन किया है उसकी बी.एस.पी. कड़े शब्दों में निंदा करती है।

बी.एस.पी. ना केवल दलितों.आदिवासियों व ओ.बी.सी. वर्गों के आरक्षण को उसकी सही संवैधानिक मंशा के हिसाब से लागू करवाने के लिये लगातार संघर्ष करती रहती है, बल्कि वह अपरकास्ट समाज एवं मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के गरीबों को भी समुचित आरक्षण दिये जाने की पक्षधर है और उसके लिये प्रयत्नशील भी है।

आज के “बन्द” को बीजेपी सरकारों का समर्थन होने का ही परिणाम है कि इसके समर्थकों को सड़कों पर हर प्रकार की ज्यादती करने की खुली छूट मिली हुई है और वे लोग उपद्रव करते हुये नजर आ रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।

बीजेपी एंड कम्पनी को यह समझ लेना चाहिये कि आरक्षण के विरोध का मतलब है देश के संविधान का व उसके मानवीय मूल्यों का विरोध, जिसे देश के लोग कभी भी न तो सहन करने वाले हैं और न ही इसके लिये कभी किसी को माफ़ करने वाले हैं : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 10 अप्रैल, 2018, दिन मंगलवार : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ आरोप लगाया कि जबसे प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र में व विभिन्न राज्यों में बीजेपी एण्ड कम्पनी की सरकार बनी है तबसे पूरे देश में दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों का आरक्षण जातिवादी षड्यंत्र के तहत काफी हद तक निष्प्रभावी बना दिया गया है तथा प्राइवेट क्षेत्र में भी आरक्षण की सरकारी व्यवस्था नही की जा रही है, परन्तु अब इससे भी दो कदम और आगे बढ़ते हुये बीजेपी आरक्षण के विरोध में खड़ी हो गयी है और इसके लिये उसने सीधे आगे आने के बजाय सोशल मीडिया के माध्यम से अपरकास्ट समाज को आगे करके आज “भारत बन्द” का जो जबर्दस्ती संविधान-विरोधी आयोजन किया है उसकी बी.एस.पी. कड़े शब्दों में निंदा करती है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी के आरक्षण-विरोध की नीयत व नीति का और कोई डटकर विरोध करे या ना करे लेकिन बी.एस.पी. अपनी पूरी ताकत के साथ इनका काफी डटकर विरोध व मुकाबला करती रहेगी और इस संवैधानिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिये हर प्रकार की कुर्बानी भी देती रहेगी।

वैसे भी यह सर्वविदित है कि बी.एस.पी. ना केवल दलितों, आदिवासियों व ओ.बी.सी. वर्गों के आरक्षण को उसकी सही संवैधानिक मंशा के हिसाब से लागू करवाने के लिये लगातार संघर्ष करती रहती है, बल्कि वह अपरकास्ट समाज एवं मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के गरीबों को समुचित आरक्षण दिये जाने की पक्षधर है और उसके लिये केंद्र सरकार पर बराबर दवाब भी डालती रहती है। बी.एस.पी. की सरकार के दौरान भी ऐसी व्यवस्था लागू करने के लिये कई बार माननीय प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर इस सम्बंध में संविधान में आवश्यक संशोधन करने की भी मांग की है, जिसे केंद्र सरकार ने अभी तक भी नही माना है जबकि देश व सर्वसमाज के गरीबों के हित में यह जरूरी कदम होगा।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि सत्ताधारी बीजेपी व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार आरक्षण के नाम पर सर्वसमाज के लोगों को आपस में लड़ाना चाहती है। इन्होंने पहले हिन्दू-मुस्लिम के बीच साम्प्रदायिकता व आपसी नफरत का जहर बोने के साथ-साथ हिंसा आदि तक को बढ़ावा देकर राजनीतिक लाभ अर्जित करने की कोशिश की और उसके बाद अब जातिवाद की वैसी ही घृणा व नफरत की बीज समाज में बोकर चुनावी लाभ अर्जित करने की नीति अपना रही है, जो समाज व देशहित के सर्वथा विरुद्ध है। इस बात को अब देश में लोकतंत्र व समतामूलक समाज की स्थापना में विश्वास रखने वाले बहुसंख्यक लोग अच्छी तरह से समझने लगे हैं और बीजेपी की ऐसी घातक साजिशों को नाकाम करने के लिये प्रयत्नशील है, जिसका सार्थक परिणाम निश्चित रूप में अगले लोकसभा आमचुनाव में भी देखने को मिलेगा।

आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था के विरोध में बीजेपी प्रायोजित आज के “भारत बन्द” के दौरान जबर्दस्ती किये जाने पर सुश्री मायावती जी ने कहा की इस “बन्द” को बीजेपी सरकारों का समर्थन होने का ही परिणाम है कि इनके समर्थकों को सड़कों पर हर प्रकार की ज्यादती करने की खुली छूट मिली हुई है और वे लोग उपद्रव करते हुये नजर आ रहे हैं। बीजेपी शासित सरकारें इन मामलों में क्यों मूकदर्शक बनी हुई हैं जबकि दलितों के आंदोलन को कुचलने के लिये इन्होंने सरकार की पूरी शक्ति लगा रखी है और इन वर्गों के लोगों का हर प्रकार का उत्पीड़न लगातार जारी है। आरक्षण-समर्थक व आरक्षण-विरोधियों के बीच बीजेपी सरकारों का ऐसा जातिवादी भेदभाव क्यों?

सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी एंड कम्पनी को यह समझ लेना चाहिये कि आरक्षण के विरोध का मतलब है देश के संविधान का व उसके मानवीय मूल्यों का विरोध करना है जिसे देश के लोग कभी भी न तो सहन करने वाले हैं और न ही इसके लिये कभी किसी को माफ़ करने वाले हैं।

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