बीजेपी एंड कंपनी की राजनीतिक हिंसा पर बसपा का प्रेस रिलीज़


देश के पूर्वोत्तर के राज्यों खासकर त्रिपुरा में नई सरकार बनने के बाद राजनीतिक हिंसा, नफरत वह विघटन का जो नया तांडव शुरू किया गया है उसकी जबरदस्त निंदा व तीखी आलोचना।

त्रिपुरा राज्य में सरकार के बनते ही मार्क्सवादी नेताओं पर हमले, उनके कार्यालयों में तोड़फोड़ तथा सार्वजनिक स्थलों में स्थापित लेनिन की मूर्तियों का सुनियोजित तौर पर विध्वंस करने के प्रतिशोध में बंगाल में श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को क्षति पहुंचाने के साथ-साथ तमिलनाडु राज्यों में आत्म-सम्मान मूवमेंट के नेता श्री रामास्वामी नायकर पेरियार की भी मूर्ति के खंडित किए जाने के मामले में बीजेपी व केंद्र सरकार की खोखली बयानबाजी की कड़ी निंदा।

पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के मामले में तत्काल क़ानूनी कार्यवाही कर सकती है तो अन्य राज्यों की सरकारें भी त्वरित कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं सुनिश्चित कर सकती हैं?

बीजेपी एंड कंपनी को अपने लोगों पर नियंत्रण स्थापित करने के साथ-साथ इन कि केंद्र सरकार को भी सभी राज्य सरकारों को सख्त निर्देश देना चाहिए कि वह इस प्रकार की नफरत व हिंसा की आग को आगे बढ़ाने से रोकने के लिए कानून का सख्ती से अनुपालन कराये ना कि उन उपद्रविओं को खुला छोड़ दें।

केंद्र व बीजेपी की सरकार राज्यों से लोगों की जान-माल व मजहब आदि के सुरक्षा की संवैधानिक गारंटी को शत्-प्रतिशत सुरक्षित रखने की मांग।

देश चाहता है कि कम से कम वह सत्ता में आज आने के बाद बीजेपी व आरएसएस को राजनीतिक हिंसा व विध्वंस को अपना हथियार बनाने से आ जाना चाहिए: बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री, व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

पूर्वोत्तर के राज्यों में नई सरकार बनाने के बाद राजनीतिक हिंसा, नफरत व विघटन का जो नया शुरू किया गया है उसकी जबरदस्त निंदा व तीखी आलोचना करते हुए बीएसपी की राष्ट्रीय, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस प्रकार की घ्रणित हिंसावादी राजनीति का ही परिणाम है कि देश में आज हर तरफ तनाव व अशांति व्याप्त है और अव्यवस्था छाई हुई है। लोग अशसंकित व अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
त्रिपुरा राज्य में बीजेपी सरकार के बनते ही वहां मार्क्सवादी नेताओं पर हमले, उनके कार्यालयों में तोड़फोड़ व सार्वजनिक स्थलों में स्थापित लेनिन की मूर्तियों का सुनियोजित तौर पर विध्वंश करने के साथ-साथ तमिलनाडु राज्य में आत्म-सम्मान मूवमेंट के नेता श्री रामास्वामी नायकर पेरियार की मूर्ति को खंडित करना आदि यह साबित करता है कि देश में नफरत, हिंसा वह विघटन की राजनीति अब हर तरफ सर चढ़ कर बोलने लगी है, क्योंकि आपराधिक मानसिकता वाले लोगों को अब कानून का खौफ बिल्कुल भी नहीं रहा है।

केंद्र व बीजेपी की राज्य सरकारों से लोगों के जान माल व मजहब के सुरक्षा की संवैधानिक गारंटी को शत प्रतिशत सुरक्षित रखना सुनिश्चित करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि कम से कम अब सत्ता में आज आने के बाद राजनीतिक हिंसा व विध्वंस को अपना हथियार बनाने से उन्हें बाज आना चाहिए क्योंकि इसका काफी ज्यादा दुष्परिणाम बीजेपी व आरएसएस एंड कंपनी को भी आगे भुगतना पड़ सकता है जिसको को सहने की शक्ति उनमें नहीं है।

हालांकि पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को अपमानित करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए छः लोगों को फ़ौरन ही गिरफ्तार कर लिया है, परंतु इस संबंध में बीजेपी के नेता गण हमेशा की तरह अनर्गल बयानबाजी करने में ही लगे हैं जबकि इनकी सरकार के मंत्री आदि केवल खोखली बयान बाजी की नौटंकी ही कर रहे हैं जबकि असामाजिक तत्वों ने पुरे संघठित व सुनियोजित तौर पर हिंसा व मूर्तियों को खंडित करने का अपराध किया है।

साथ ही आज तरफ से यह मांग उठ रही है कि बीजेपी को अपने लोगों पर हर प्रकार से नियंत्रण स्थापित करने के साथ-साथ इनकी कि केंद्र सरकार को भी चाहिए कि वह राज्य सरकार को सख्त सख्त निर्देश दें कि इस प्रकार की नफरत व हिंसा की आग को रोकने में कानून का सख्ती से अनुपालन कराए ना की उन उपद्रवियों को खुला छोड़ दें, साथ ही हर स्तर पर कानून को अपना काम करने की आजादी होनी चाहिए, यह बीएसपी की मांग है।

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