मुसलमानों की जनसभा, मुंबई, 22 दिसम्बर, 1951 के बाबासाहेब डॉ अंबेडकर के भाषण से उद्धृत


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कांग्रेस ने मुस्लिमों के लिए क्या किया है? आप सोचते होंगे कि कांग्रेस ने सन् 1947 के दंगो में आपकी जान बचाई, पर यह बिल्कुल गलत है। क्योंकि कांग्रेसियों ने आपको शरण देने के बजाय अपने अपराधी तत्त्वों को आपको डराने के लिए उत्साहित किया और इस कारण दंगे बढ़ गए। वे चाहते थे कि आप यह बात मान लें कि कांग्रेस के अलावा आपकी रक्षा कोई नहीं कर सकता है। इस बात से आप समझें कि क्या कांग्रेस आपके एहसान केलायक है? आपको पंडित नेहरू से बहुत उम्मीदें हैं, पर उनकी नीतियाँ एक जैसी नहीं हैं। उनके निर्णय बदलते रहते हैं और आप बाद में पछताएंगे। हमें नेहरू परिवार के शासन को प्रजातंत्र में नहीं चलने देना चाहिए। यदि कोई भी इस तरह से एक परिवार का शासन आपके अज्ञानता और अंधविश्वास के कारण चलाना चाहता है तो जागरूक समाज ऐसा नहीं होने देगा।

आपको (मुस्लिमों) अपने राजनीतिक अधिकारों के लिए अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की तरह जागरूक रहना चाहिए और पूरी ताकत से लड़ना चाहिए। जब संविधान बन रहा था तब मैं कांग्रेसी मोहरे श्री मौलाना आजाद से मिला और अल्पसंख्यकों के राजनीतिक भविष्य के बारे में बात करनी चाही। मैंने उन्हें मुस्लिमों से संबंधित सभी बातें बताई पर मौलाना अगले दिन मीटिंग में शामिल नहीं हुए। इस मीटिंग में आपकी (मुस्लिमों) की बात रखने के लिए मेरे अलावा और कोई नहीं था। मैं अकेला मुस्लिमों के लिए आरक्षित सीटों के पक्ष में था, पर कांग्रेस की तरफ से पंडित नेहरू ने मेरे प्रस्ताव का विरोध किया और आपको आरक्षित सीटों का यह मजबूत राजनीतिक अधिकार नहीं मिल पाया।

-डॉ. अंबेडकर राजनीति, धर्म और संविधान विचार

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