भिक्षु प्रज्ञानंद – बाबा साहब को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले भिक्षु प्रज्ञानंद नहीं रहे


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बाबा साहब को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले भिक्षु प्रज्ञानंद नहीं रहे।

डॉ. अम्बेडकर को दीक्षा देेने वाले बौद्घ भिक्षु प्रज्ञानंद का परिनिर्वाण लखनऊ के मेडिकल कॉलेज ( के जी एम सी ) में हो गया है। भिक्षु प्रज्ञानंद का जन्म श्रीलंका में हुआ था और वह बौद्घ धर्म से प्रभावित होकर 1942 में भारत आ गए थे। उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी बुद्ध धर्म के प्रचार के लिए समर्पित कर दी थी।

भिक्षु प्रज्ञानंद ने भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को खुद अपनी मौजूदगी में 14 अप्रैल 1956 को नागपुर में सात भिक्षुओं के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण करायी थी। इन सभी में अब मात्र प्रज्ञानंद ही जीवित थे।

90 वर्षीय भिक्षु प्रज्ञानंद को फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत थी और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। आज सुबह 11.45 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। रविवार को उनको गंभीर हालत में लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के भर्ती कराया गया था। भिक्षु प्रज्ञानन्द पिछले दो सालों से बेड पर थे। भिक्षु प्रज्ञानंद का पार्थिव शरीर उनके आश्रम में पहुंच गया। अंतिम दर्शन के लिए लोगों व बौद्ध भिक्षु पहुंच रहे हैं।

भिक्षु प्रज्ञानंद लखनऊ के रिसालदार पार्क के बुद्ध विहार में रहते थे। बाबा साहेब ने बुद्ध विहार का दो बार दौरा किया था। बाबा साहेब ने 1948 और 1951 में लखनऊ का दौरा किया था। इसी दौरान उन्होंने भिक्षु प्रज्ञानंद से बौद्ध धर्म अपनाने की इच्छा भी जाहिर की थी। बाद में उन्होंने नागपुर जाकर अपनी पत्नी के साथ बौद्ध धर्म को अपना लिया था। बाबासाहेब के साथ 500,000 दलितों ने भी बुद्ध धर्म को अपनाया था।

उनका त्याग, सेवा और सद्भाव वंदनीय है, हम नमन करते है भिक्षु प्रज्ञानंद को।

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