ब्राह्मणवाद दुनिया की सबसे निर्मम, निष्ठुर, हिंसक और बर्बर विचारधारा है
शंबूक तो हर युग में मारा जाएगा. अध्ययन करने की उसकी हिम्मत कैसे हुई. एकलव्य का अंगूठा तो कटकर रहेगा. वह स्पोर्ट्स का चैंपियन कैसे बन सकता है. रोहित वेमुला को मरना ही होगा. पीएचडी एंट्रेंस का टॉपर होने की उसकी हिम्मत कैसे हुई. उना के दलितों की खाल तो खींची ही जाएगी, वे अपना काम करके पैसा कैसे कमा सकते हैं. मिर्चपुर में विकलांग लड़की सुमन को आग में जलकर मरना ही पड़ेगा, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन पढ़ने की उसकी हिम्मत कैसे हुई….
चंद्रशेखर रावण के साथ यह हो रहा है. देश में लाखों लोगों के साथ यह हो रहा है, जिसकी हमें कई बार खबर तक नहीं होती.
आप भी कहां तक बच लोगे. या तो खस्सी बन जाओ या मरो.
रीढ़ की हड्डी निकाल लो, या फिर मरो.
यह ब्राह्मणवाद है. ये किसी को नहीं छोड़ते. कुचलकर मिटा देते हैं.
ब्राह्मणवाद दुनिया की सबसे हिंसक विचारधारा है.
ब्राह्मणवाद की ताकत यह है कि यह जिनको मारता है, उन लोगों को भी यह मीठा सा लगता है. बर्फ की छुरी की तरह यह कलेजे पर उतर जाती है और ठंडा सा एहसास होता है. फिर आप मर जाते हैं.
ब्राह्मणवाद ही तय करेगा कि आप अपने आदमी को भी अपना आदमी मानेंगे या अपना दुश्मन मानेंगे.
यह आपके शरीर को नहीं, दिमाग को कंट्रोल करता है.
आप सहमति से ब्राह्मणवाद का शिकार बनते हैं.
चंद्रशेखर रावण जैसे चंद मामलों में ही ब्राह्मणवाद अपनी हिंसा दिखाता है. बाकी मामलों में तो उसका काम अपने आप हो जाता है.
वैसे तो दलितों पे हर रोज हमले होते है लेकिन चंद्र शेखर उर्फ़ रावण पे हमला इसलिए हुआ की दलितों ने अब पलटकर जवाब देना शुरू कर दिया हैं, इस लड़ाई में दलित जीते या हारे इससे ज्यादा अब दलितों में कम से कम पलटकर जवाब देने की साहस आने लगी हैं जो हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।कम से कम दलित तो ब्राह्मणवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है इसलिए उनपे हमला भी हो रहा हैं।ब्राह्मणवाद के खिलाफ जब हर वर्ग उसके पोषक बनकर गुलामी कर रहा है तो ऐसे में दलित आगे आ कर लड़ रहा हैं जो चिंगारी दलितों ने लगाई है उसे आगे ले जाना हर वर्ग का कर्तव्य हैं। ना की ब्राह्मणवाद की पोषक बनकर उसकी गुलामी करो।
ब्राह्मणवाद को मैं जब दुनिया की सबसे निर्मम, निष्ठुर, हिंसक और बर्बर विचारधारा कहता हूं तो मेरे दिमाग में कुछ ऐसी ही छवियां होती हैं.
सहारनपुर में हमला दलितों पर हुआ, घर उनके जले, आग में मवेशी उनके मरे, लेकिन हमलावर सब बाहर हैं. सहारनपुर हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता शेर सिंह राणा खुलेआम घूम रहा और आरक्षण विरोधी सभाएं कर रहा है.
लेकिन दलितों के लिए स्कूल खोलने वाले और शिक्षा को प्रगति का रास्ता बनाने वाले एडवोकेट भाई चंद्रशेखर रावण जेल में हैं. उनके इलाज का सही बंदोबस्त नहीं है. जेल के अंदर उन पर हमला होता है. गंभीर हालत में उनकी एक तस्वीर सामने आई है.
ब्राह्मणवाद इतना हिंसक हो सकता है.
ब्राह्मणवाद में दया या इंसानियत जैसे शब्दों के लिए कोई जगह नहीं है. अगर आप ब्राह्मणवाद को चुनौती देंगे, तो आपको कुचल दिया जाएगा.
लेकिन इससे भी खतरनाक बात यह है कि आपको अपने ही लोगों से अलग-थलग करके विलेन बना दिया जाएगा और आपके लोग आपको विलेन मान भी लेंगे.
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Brahmanwad has perfected its tool to crush the Dalit-Bahujan for 5000years.
Have the Dalit-Bahujan design the tools to fight back?
If not ,Dalit -Bahujan will have innumerable miseries for the same duration.
Are we a dead force.Should ‘t we learn from Sikh history of the sacrifice Guru Govind did to defend Sikhs and Hindus during the Muslim rule?