समकालीन समय मे दलित स्थिति
आज हमारे देश को आजाद हुये लगभग 70 साल होने जा रहे है परंतु आज भी हमारे देश में दलितो की स्थिति में ज्यादा सुधार देखने को नही मिलता ! यदि आज हम एक बडे प्रदेश UP की घटना देखे तो हमारे सामने वो दृश्य आता है जो किसी के भी होश उडा सकता है! दलित समाज की हालत दिन प्रति दिन ख़राब होते जा रहे है और किसी सर्कार को कोई परवाह नहीं उनकी।
समकालीन समय मे दलित स्थिति
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले मे जो घटना हाल ही के दिनो में घटित हुई है उस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारा देश किस दिशा में तरक्की कर रहा है! सहारनपुर मे मनुवादियों ने मिलकर दलितो के 75 घरों को फूक डाला! दलितों के बच्चो को जलाने की कोशिश की जाती है ठाकुरो दवारा।
जहाँ एक तरफ UP सरकार महिला सुरक्षा हेतू नये नये तरह के समूह चला रही है वही दुसरी ओर दलित महिलाओं को पीटा जाता है, उनके हाथ काट दिये जाते है और एक महिला की छाती (सीना) काटने की कोशिश की जाती है और जब कोई पुरुष उसे बचाने जाता है तो उसे भी लाठी डंडो से पीटा जाता है!
जब इस स्थिति से परेशान होकर दलितो ने हिंदू धर्म त्याग कर मुस्लिम धर्म अपनाने की बात करी तो कुछ RSS के लोगों ने आकर उनको समझाने की कोशिश की कि वो ये धर्म ना छोड़ें! परंतु दलित इस स्थिति से इतने आहात है कि वो इस बात को मानने को तैयार नहीं! दलितो ने यहाँ तक कि जहाँ वो पहले राम मंदिर बनाने को लेकर गभींर रूप से हिंदू युवा दलो के साथ खड़े होते थे वही आज दलित बावरी मस्जिद बनने को लेकर बात कर रहे है!
तो हम इस स्थिति से जान सकते है कि जिस देश के एक बड़े प्रदेश में एक जाति विशेष के लोगों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है तो कोई कब तक सहन कर सकता है?
हमारे देश के संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराम अंबेडकर की मूर्ति को मिट्टी में मिलाया! दलितों को ये ध्यान देने की जरूरत है कि यहां डॉ अंबेडकर की मूर्ति को मिट्टी मे नहीं मिलाया जा रहा बल्कि करोडो दलितो को मिट्टी में मिलाने की कोशिश की जा रही है!
हम सब को इन सब जुर्म के खिलाफ एकजुट हो कर आवाज़ उठानी होगी तब ही जा कर कुछ दलित स्थिति में सुधर होगा।
जय भीम. नीला सलाम.
लेखक – गुलशन कुमार
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Saat saal ke azaad bharath me yadi dalit ka sthithi ye ho tho prachinatam hona hi hai .Use atanki karaar diye tho kya desh ki jantha chup baithi ya dalit samaj kamosh baitegi?