20 झूठ जो ऊँची जाति के लोग दलित और पिछड़े वर्गों के विषय में बोलते है
कुछ अफ़वाए एवं धारणाये दलित और पिछड़े वर्गों के विषय में पूरे भारत में फैलायी जा रही है अपने आप को उच्च जाती का बताने वाले यह धारणाये समाज में फैलाकर डराते है। यहाँ कुछ मुख्य मिथक जो ऊंची जाती के माता-पिता अपने बच्चों को सिखाते है। ए से एप्पल, बी से ब्रह्मा, सी से क्रिकेट से भी पहले।
१. भारत में आरक्षण केवल १० वर्षो के लिए था।
२. अगर कही दलित-बहुजन अपनी बात रखता है किसी विषय पर तो उन्हें राज/अठावले/पासवान का उदाहरण दे दिया जाता है।
३. धरती पर जो सबसे ताकतवर लोग है वह उच्च श्रेणी के दलित या फिर अभिजात वर्ग है।
४. संपन्न दलित गरीब दलित की नौकरी / शिक्षा छीन रहे है।
५. शहर में कोई जातीय व्यवस्था नहीं है।
६. सरनेम/उपनाम हटाने से जाती भी हट जाती है।
७. बाबासाहब ने भारत का संविधान कही और से नक़ल करा है।
८. केवल गायकवाड़ के जोर देने पर आंबेडकर जी पढ़ सके।
९. द से दलित वंशवाद, द से दलित आक्रोश, द से दलित पहचान आदि
१०. सब सावर्जनिक जगह पर दलित की परिभाषा एवं वर्तनी सही करना।
११. हमेशा मज़ाक के लिए चमार,भंगी ,महार आदि शब्दों का इस्तेमाल करे।
१२. बुद्ध भगवान् विष्णु का अवतार है।
१३.अगर किसी दलित की हत्या या बलात्कार हो तो हमेशा उसे उनका आपसी झगड़ा माना जाये , इससे जाती का कोई सम्बन्ध नहीं है।
१४. आंबेडकर जी ने केवल दलितों के लिए काम किया है। उनके पास कोई और उपलब्धि नहीं है।
१५. हर दलित परिवार इन् निम्न जगह शामिल होता है –
> अगर किसी का पिता जो की आईएएस अफसर है, वो भी उच्च वेतन और पद के साथ तो वे योग्य लोगो की नौकरियां छिनता है।
>अगर किसी की माता किसी बैंक में उच्च मैनेजर है, वह दोबारा आरक्षण के सहयोग से नौकरी पाती है जो की सक्षम नहीं थी।
>अगर किसी का बड़ा भाई इंजीनियरिंग/मेडिकल/एमबीए कर रहा है। जो की योग्यहीन है। जिसने ५०% से भी कम अंक में परीक्षा पास कर ली। जो की शराबी, चरित्रा-हीन, बिगड़ा और ब्राह्मण लड़कियों को पसंद करता है।
>अगर किसी की छोटी बेहेन वो भी पढ़ती है। जिसके पास महँगा बैग और कपडे है| जिसका पढ़ने में मन नहीं लगता, वह आकर्षक भी है। वह अपने माता-पिता के पैसो पर मौज करती है, और वो किसी सवर्ण लड़के को पसंद भी करती है।
१६. शायद आपने ध्यान नहीं दिया कि कैसे यह शराबी आंबेडकर जयंती / पुण्यतिथि पर शोर- गुल्ला करते है।
१७. अम्बेडकरवादी असफल होते है। यह लोग आंबेडकर विचार धारा पर चलने में असफल है।
१८. ब्राह्मणवाद-हिन्दुवाद-हिन्दू, यह सब अलग अलग है।
१९. आरक्षण के कारण भारत अपनी श्रेष्टथा खो रहा है।
२०. आंबेडकर जी एक ब्राह्मण थे।
२१. जातिवाद अंग्रेज़ो कि देन है। यह हिन्दुओ को तोड़ने कि साजिश थी।
२२. यह लोग खतरनाक होते है क्योकि यह मांस खाते है।
आपने इनमे से क्या सुना है?
क्या आपने अपने आप को उच्च जाती कहने वालो के मुख से यही झूठ सुना है? आप हमें जानकारी दीजिये। कमेंट कीजिये अगर आपने भी इनमे से मिले जुले झूठ किसी सवर्ण के द्वारा सुने है तो हमें बताये।
Originally written in English by Vinay
Translated to Hindi by Harshul Banodha
Thank you both!
You can read the English version from – Top 20 Lies About Dalits That Upper Caste Parents Teach Their Children
भाई मैने तो सब सुने है !
लगभग – सभी सुने हेंलेकिन विषयो मे हमे खुद सुधार करने कि आवश्यकताहेै विशेषता आंबेडकर जयंति असभ्य वाले बिन्दु पर
90%ऐसा सुना
Yes suna hai sabi bate savrano ke mukh se
1 संपन्न दलित गरीब दलित की नौकरी / शिक्षा छीन रहे है।
2 शहर में कोई जातीय व्यवस्था नहीं है।
3 बुद्ध भगवान् विष्णु का अवतार है।
4 आरक्षण के कारण भारत अपनी श्रेष्टथा खो रहा है।
5 आंबेडकर जी एक ब्राह्मण थे।
6 आंबेडकर जी ने केवल दलितों के लिए काम किया है। उनके पास कोई और उपलब्धि नहीं है।
7 सरनेम/उपनाम हटाने से जाती भी हट जाती है।
8 बाबासाहब ने भारत का संविधान कही और से नक़ल करा है।
सदैव उजाले की और अग्रसर रहे हम ।हमारी लेखनिसे प्रकाशित होता रहे । सदीयो से अपमानित हो रहे समाज को सही रोशनी एवंम राह दीखलाऐगें हम ।
Yes I heard many times
जी ये बात सत %सत्य है कई सवर्णों लोगों के मुह से सुना है जैसे अरे वो तो चमार है जय भीम वाला है नीच लोग इस तरह के अपमानित शब्द जो की कुटिलता दर्शाता है
सही कहा
But I had not heard except ki Reservation was for 10 yr only and it’s true because it’s re approve by our parliament after every ten year that means it’s for ten year but this is political reservation not for services, rest point is worthless and our confusion make ourselves strong in all aspects and don’t blame any other guy or society for our any problem and try to understand the history also
All points are true
इनमे से बहुत सारे points से आमना सामना होता रहा है लेकिन जब तर्क करने की बारी आती है तो ये बातें घुमाने लगते हैं। They are happy to accept you as a Dalit but will never accept if you are an Ambedkarite.
हां मैंने इनमें से क्रम सं. 1, 2, 3, 4, 7, 8, 12, 13, 16, 19 व 21 किसी तथाकथित उच्च वर्ण के लोगो के मुंह से यह झूठ सुना है ।
sir, you wrote it very well and I heard many of it.. sir, m aapse ek aur bat kahna chahta hu ki yh hight caste wale sirf hame demoralize krne ke siwa aur kuch nai krte, wo sird hamari mentality ka hi fayda uthate h agar hum apne aap ko kamjor manna chor de aur sabse badi bat aapsi fight se uoar uth kr ek ho in sab ke against to hum sab kuch kr skte h. We are not less than anyone not even thakur and Brahmins.
i know people say this shit but how to defend or how to prove them wrong if they say so ?