19th February in Dalit History – Birth Anniversary of Shivaji Maharaj


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प्रजापालक राजा शिवाजी महाराज की जयंती 19 फरवरी की पूर्व संध्या पर आप सबको बधाई. जय भीम, जय फुले, जय शिवराय, जय जिजाऊ!

पेशवाई ने इनकी याद को मिटा डाला था, तब पहली बार ज्योतिबा फुले ने शिवाजी की स्मृतियों की खोज की और शिवाजी जयंती मनाई. शिवाजी के राजतिलक को लेकर तमाम अपमानजनक बातें प्रचलित हैं.

शिवाजी को बदनाम करने के लिए उन्हें मुसलमान विरोधी बताया गया. जबकि वे सबके हित करने की वजह से प्रजापालक माने गए. उन्हें किसी धर्म का विरोधी बताना गंदी साजिश है.

दिल्ली से कोई भी अगर उनके राज को हड़पने आता, तो वह लड़ते. जो आया उसका नाम औरंगजेब होता तो भी और जयराम राठौर या सिकंदर सिंह होता तो भी. वे किसी से भी लड़ते. इस आधार पर उन्हें मुस्लिम विरोधी कहना बदमाशी है.

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यह अच्छा है कि उत्तर भारत के किसान समुदाय के लोगों ने भी शिवाजी जयंती मनाने की परंपरा शुरू कर दी है. पूरे देश को मनाना चाहिए.

संघ के त्यौहारों की लिस्ट में शिवाजी जयंती नहीं है. पिछले साल की इनकी मैगजीन देख लीजिए.

शिवाजी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं. 1874 में आज ही के दिन राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले ने शिवाजी जयंती मनाने की शुरुआत की थी.

शिवाजी के वंशज कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहूजी महाराज ने भारतीय इतिहास में पहली बार नौकरियों में बहुजनों को आरक्षण देने की शुरुआत की. बाबा साहेब ने आरक्षण के उसी मॉडल को आगे बढ़ाया.

जय शिवराय, जय जिजाऊ, जय फुले, जय भीम!

Written by – D C Mandal

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Shivaji_jijamata

A statue of Jijabai and young Shivaji

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